रज़िया सुल्तान
रज़िया अल-दिन (1205-1240) शाही नाम “जलॉलात उद-दिन रज़ियॉ” इतिहास में जिसे सामान्यतः “रज़िया सुल्तान” या “रज़िया सुल्ताना” के नाम से जाना जाता है, दिल्ली सल्तनत की सुल्तान थी। रज़िया ने 1236 से 1240 तक दिल्ली सल्तनत पर शासन किया। वह इल्तुतमिश की पुत्री थी। तुर्की मूल की रज़िया को अन्य मुस्लिम राजकुमारियों की तरह सेना का नेतृत्व तथा प्रशासन के कार्यों में अभ्यास कराया गया, ताकि ज़रुरत पड़ने पर उसका इस्तेमाल किया जा सके।. रज़िया सुल्ताना मुस्लिम एवं तुर्की इतिहास कि पहली महिला शासक थीं।
रज़िया को उसके पिता शम्स-उद-दिन इल्तुतमिश की मृत्यु (12 अप्रैल 1236) के पश्चात दिल्ली का सुल्तान बनाया गया। इल्तुतमिश , पहला ऐसा शासक था, जिसने अपने बाद किसी महिला को उत्तराधिकारी नियुक्त किया। (स्रोतों के अनुसार, पहले उसके बडे बेटे को उत्तराधिकारी के रुप में तैयार किया गया,परन्तु दुर्भाग्यवश उसकी अल्प आयु में मृत्यु हो गयी).लेकिन, मुस्लिम वर्ग को इल्तुतमिश का किसी महिला को वारिस बनाना नामंज़ूर था, इसलिए उसकी मृत्यु के पश्चात उसके छोटे बेटे रक्नुद्दीन फ़िरोज़ शाह को राजसिंहासन पर बैठाया गया।
रक्नुद्दीन, का शासन बहुत ही कम समय के लिये था, इल्तुतमिश की विधवा,शाह तुर्कान का शासन पर नियंत्रण नहीं रह गया था। विलासी और लापरवाह रक्नुद्दीन के खिलाफ जनता में इस सीमा तक आक्रोश उमड़ा, कि 9 नवंबर 1236 को रक्नुद्दीन तथा उसकी माता, शाह तुर्कान की हत्या कर दी गयी। उसका शासन मात्र छह माह का था। इसके पश्चात सुल्तान के लिए अन्य किसी विकल्प के अभाव में मुसलमानों को एक महिला को शासन की बागडोर देनी पड़ी। । और रजिया सुल्तान दिल्ली की शासिका बन गई।