Kuch itihas ke panno ki vykhaya (Rajputana itihas)

राजपूत और सोने की वेल्यु क्यों है

क्यों की दोनों इस ब्रमांड में बहुत ही सिमित मात्रा में पाये जाते है ,
इसके साथ साथ दोनों में ही शुद्धता के स्तर के साथ उनकी कीमत बढ़ती जाती है
जेसे की 24 कैरेट सोने की कीमत बहुत ज्यादा होगी और 22 केरेट की कम होगी शुद्ध सोना कम मात्रा में पाया जाता है
    ठीक इसी प्रकार शुध्द राजपूत भी कम संख्या में पाया जाता है ओर उसी तरह शुध्द राजपूत की क़ीमत भी अधिक होती है जब हम भारत वर्ष में जातियो का वर्गीकरण का इतिहास पढ़ते है देखते है तो पता चलता है हम ज्यो ज्यो संस्कार हिन् होते गए त्यों त्यों वो अपने पतन की वजह से ही गिरते गए और निम्न स्तर की जातियो का निर्माण होता गया उनकी वर्ण संकरता ही उनके लिए अभिशाप बन गयी आज आप देखते है को हर कोई राजपूत बनना चाहता पर क्या ये सम्भव है उत्तर होगा नहीं ये सम्भव नहीं दुनिया आप किसी राष्ट्पति भी बना सकते हो धर्मगुरु बना सकते पर राजपूत बनाये नहीं जा सकते, वो तो सिर्फ क्षत्राणी की कोख से प्रकट होते है  

इसलिए वीरो कही ऐसा नहीं हो की आपकी गलतीयो की वजह से आपकी आने वाली पीढ़ियों को ये कहना पड़े की मेरे पड़दादा भी राजपूत थे क्यों की आज आप देख रहे हो की हर कोई ये ही सिद्ध करने में लगा है की हमारे पूर्वज राजपूत थे इसलिए सम्पूर्ण क्षत्रियत्व निर्माण के लिए हमे रक्त की शुध्दता और कर्म की शुद्धता को और ध्यान देना होगा एक बात ध्यान देने योग्य है की सोने के आभूषण पहनने के लिए भले ही बहुत सुन्दर लगते है पर जब बात वेल्यु की आती है तो कीमत मात्र खरे सोने की ही मिलती है इसलिए हमे हमारी रक्त की शुध्दता बनाये रखनी है
आप देखेंगे की इस्लाम धर्म 1500 साल पुराना है और ईसा 2500 पुराने और इस ब्रमांड में सबसे पहले जो बना मात्र क्षत्रिय है और हम आज भी है इस बिच हजारो सभ्यताएबनी और नष्ठ भी होगयी काल के गर्त में चली गयी किन्तु क्षत्रिय श्री राम से पूर्व भी थे

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