Gau (gay) mata ke bare me kuch satya tathya

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*गाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी*

01. गौ माता जिस जगह खड़ी रहकर आनंदपूर्वक चैन की सांस लेती हैं। वहां वास्तु दोष समाप्त हो जातें हैं।
02. गौ माता में तैंतीस कोटी देवी-देवताओं का वास हैं।
03. जिस जगह गौ माता खुशी से रभांने लगे उस समय उस जगह देवी-देवता पुष्प वर्षा करतें हैं।
04. गौ माता के गले में घंटी जरूर बांधे; गाय के गले में बंधी घंटी बजने से गौ आरती होतीं हैं।
05. जो व्यक्ति गौ माता की सेवा पूजा करता हैं, उस पर आनेवाली सभी प्रकार की विपदाओं को गौ माता हर लेतीं हैं।
06. गौ माता के खुर्र में नागदेवता का वास होता हैं। जहां गौ माता विचरण करती हैं, उस जगह सांप-बिच्छू नहीं आतें।
07. गौ माता के गोबर में लक्ष्मी जी का वास होता हैं।
08. गौ माता के मुत्र में गंगाजी का वास होता हैं।
09. गौ माता के गोबर से बने उपलों का रोजाना घर, दूकान, मंदिर परिसरों पर धुप करने से वातावरण शुद्ध होता हैं व सकारात्मक ऊर्जा मिलती हैं ।
10. गौ माता के एक आंख में सुर्य व दूसरी आंख में चंद्र देव का वास होता है।
11. गाय इस धरती पर साक्षात् एक देवता हैं।
12. गौ माता अन्नपूर्णा देवी हैं, कामधेनु हैं। मनोकामना पूर्ण करनेवाली हैं।
13. गौ माता के दुध में सुवर्ण तत्व पाया जाता हैं। जो रोगों की क्षमता को कम करता हैं।
14. गौ माता की पूंछ में हनुमानजी का वास होता हैं। किसी व्यक्ति को बुरी नजर हो जाये तो गौ माता की पूंछ से झाड़ा लगाने से नजर उतर जातीं हैं।
15. गौ माता की पीठ पर एक उभरा हुआ कुबड़ होता हैं। उस कुबड़ में सूर्य केतु नाड़ी होतीं हैं। रोजाना सुबह आधा घंटा गौ माता की कुबड़ पर हाथ फेरने से रोगों का नाश होता हैं।
16. गौ माता का दूध अमृत हैं।
17. गौ माता धर्म की धुरी है।
गौ माता के बिना धर्म कि कल्पना नहीं की जा सकतीं।
18. गौ माता जगत जननी हैं।
19. गौ माता पृथ्वी का रूप हैं।
20. गौ माता सर्वो देवमयी सर्वोवेदमयी हैं। गौ माता के बिना देवों, वेदों की पूजा अधुरी हैं।
21. एक गौ माता को चारा खिलाने से तैंतीस कोटी देवी-देवताओं को भोग लग जाता हैं ।
22. गौ माता से ही मनुष्यों के गौत्र की स्थापना हुई हैं।
23. गौ माता चौदह रत्नों में एक रत्न हैं।
24. गौ माता साक्षात् माँ भवानी का रूप हैं।
25. गौ माता के पंचगव्य के बिना पूजा पाठ हवन सफल नहीं होतें हैं।
26. गौ माता के दूध घी मख्खन दही गोबर गोमुत्र से बने पंचगव्य हजारों रोगों की दवा हैं। इसके सेवन से असाध्य रोग मिट जातें हैं।
27. गौ माता को घर पर रखकर सेवा करनेवाला सुखी आध्यात्मिक जीवन जीता हैं। उनकी अकाल मृत्यु नहीं होतीं।
28. तन, मन, धन से जो मनुष्य गौ सेवा करता हैँ। वो वैतरणी, गौ माता की पुछ पकडकर पार करता हैं। उन्हें गौ लोक धाम में वास मिलता हैं।
28. गौ माता के गोबर से ईंधन तैयार होता हैं।
29. गौ माता सभी देवी देवताओं और मनुष्यों की आराध्य हैं; इष्ट देव हैं।
30. साकेत स्वर्ग इंद्र लोक से भी उच्चा गौ लोक धाम हैं।
31. गौ माता के बिना संसार की रचना अधुरी हैं।
32. गौ माता में दिव्य शक्तियां होने से संसार का संतुलन बना रहता हैं।
33. गाय माता के गौवंशो से भूमि को जोत कर की गई खेती सर्वश्रेष्ट खेती होतीं हैं।
34. गौ माता जीवन भर दुध पिलानेवाली माता हैं। गौ माता को जननी से भी उच्चा दर्जा दिया गया हैं।
35. जहां गौ माता निवास करती हैं, वह स्थान तीर्थ धाम बन जाता हैं।
36. गौ माता कि सेवा, परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता हैं।
37. जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखें गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जातीं हैं।
38. गौ माता के चारों चरणों के बीच से निकल कर परिक्रमा करने से इंसान भय मुक्त हो जाता हैं।
39. गाय माता आनंदपूर्वक सासें लेतीं है; छोडती हैं। वहां से नकारात्मक ऊर्जा भाग जातीं हैं और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होतीं हैं। जिससे वातावरण शुद्ध होता हैं।
40. गौ माता के गर्भ से ही महान विद्वान धर्म रक्षक गौ कर्ण जी महाराज पैदा हुए थे।
41. गौ माता की सेवा के लिए ही इस धरा पर देवी-देवताओं ने अवतार लिये हैं।
42. जब गौ माता बछड़े को जन्म देतीं हैं, तब पहला दूध बांझ स्त्री को पिलाने से उनका बांझपन मिट जाता हैं।
43. स्वस्थ गौ माता का गौ मूत्र को रोजाना दो तोला सात पट कपड़े में छानकर सेवन करने से सारे रोग मिट जातें हैं।
44. गौ माता वात्सल्य भरी निगाहों से जिसे भी देखती हैं, उनके ऊपर गौकृपा हो जातीं हैं।
45. गाय इस संसार का प्राण हैं।
46. काली गाय की पूजा करने से नौ ग्रह शांत रहतें हैं। जो ध्यानपूर्वक धर्म के साथ गौ पूजन करता हैं, उनको शत्रु दोषों से छुटकारा मिलता हैं।
47. गाय धार्मिक; आर्थिक; सांस्कृतिक व आध्यात्मिक दृष्टि से सर्वगुण संपन्न हैं।
48. गाय एक चलता फिरता मंदिर-देवालय हैं। हमारें सनातन धर्म में तैंतीस कोटि देवी-देवता हैं। हम रोजाना तैंतीस कोटि देवी-देवताओं के मंदिर जा कर उनके दर्शन नहीं कर सकतें। परंतु गौ माता के दर्शन से सभी देवी-देवताओं के दर्शन हो जातें हैं।
49. कोई भी शुभ कार्य अटका हुआ हो और बार-बार प्रयत्न करने पर भी सफल नहीं हो रहा हो, तो गौ माता के कान में कहिये रूका हुआ काम बन जायेगा।
50. जो व्यक्ति मोक्ष, गौ लोक धाम चाहता हो। उसे गौ व्रती बनना चाहिए।
51. गौ माता सर्व सुखों की दातार हैं।

हे गौ माँ आप अनंत ! आपके गुण अनंत ! इतना मुझमें सामर्थ्य नहीं कि मैं आपके गुणों का बखान या विवरण कर सकूं।।

वंदे गौ मातरम्


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