Aaj ka satya jarur pade

कभी रोता हूँ, वो किसी को दिखाई
नहीं देता.....
.
कभी चिंतित रहता हूँ, कोई परवाह
नही करता.....
.
कभी मायूस होता हूँ, कोई पूछने तक नही आता....
.
पर जब कभी समोसे की दुकान पर अकेला खाने बैैठ जाता हूँ,

कोई दोस्त चला ही आता है....
क्या भाई अकेले-अकेले...??

साँची साँची कहे कबीरा

बोया पेड़ बबूल का तो आम कहाँ से होय,

दिन भर लटके व्हाट्सएप्प पे तो काम कहाँ से होय।
                  

जिंदगी मै जब आपको कोई रास्ता दिखाई न दे।

कोइ मंजिल दिखाई न दे।

कोइ अपना दिखाई न दे।

तब मेरे साथ आना

हम  "EYE SPECIALIST" के पास चलेंगे।


आज का सत्य

नींद आखे बंद करने से नही
Net बंद करने से आती है..!!...
______________
"भूखे को रोटी, और android फ़ोन वाले को charger देना पुण्य का काम होता है.."
_______________________

शाश्त्रों में लिखना रह गया था...सोचा बता दूँ...!"!
पहले लोग 'बेटा' के लिये तरसते थे.. और आजकल डेटा के लिये !
____________________

आज की सबसे बड़ी दुविधा.....मोबाइल बिगड़ जाये तो बच्चे जिम्मेदार, और बच्चे बिगड़ जाये तो मोबाइल जिम्मेदार....
__________________

बदल गया है जमाना पहले माँ का पेर छू कर निकलते थे,अब मोबाइल की बेटरी फुल करके निकलते है
____________________

कुछ लोग जब रात को अचानक फोन का बैलेंस ख़त्म
होजाता है इतना परेशान हो जाते हैं माने जैसे सुबह तक वो इन्सान
जिंदा ही नहीं रहेगा जिससे बात
करनी थी।
__________________

कुछ लोग जब फ़ोन की बैटरी 1-2% हो तो चार्जर
की तरफ ऐसे भागते है जैसे उससे कह रहे हो  "तुझे कुछ
नहीं होगा भाई ! आँखे बंद मत करना मैं हूँ न ! सब ठीक हो जायेगा।
________________________

कुछ लोग अपने फोन में ऐसे पैटर्न लॉक लगाते हैं जैस ISI की सारी गुप्त फाइलें उनके फ़ोन में ही पड़ी हो।
____________________

गलती से फ़ोन किसी दुसरे दोस्त के यहाँ छुट जाए तो ऐसा महसूस होता हैं जैसे अपनी भोली-भाली गर्लफ्रेंड को शक्ति कपूर के पास छोड़ आये हो।

______________________

सभी मोबाइल बनाने वाली कंपनीओं वालों से निवेदन है कि वह मोबाइल फोन बड़ा करवाते जा रहे है तो, उसमे ऐसी व्यवस्था और करा दें कि पीछे के ढक्कन के अंदर दो परांठे, आलू की सुखी सब्जी और अचार आ जाये।

Share this

Related Posts

Previous
Next Post »

Popular Posts